कुम्भ के महत्व
कुंभ मेला भारत का एक महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहार है जो हर 12 साल में चार अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया जाता है: प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। यह दुनिया का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण धार्मिक सम्मेलन माना जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए एकत्रित होते हैं। कुंभ मेले का महत्व: * आध्यात्मिक शुद्धि: कुंभ मेले में स्नान करने को पापों से मुक्ति और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान नदियों का जल विशेष रूप से पवित्र हो जाता है। * मोक्ष प्राप्ति: कुंभ मेले में भाग लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसा माना जाता है। * सांस्कृतिक संगम: कुंभ मेला विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का संगम है। यह आध्यात्मिक ज्ञान, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। * धार्मिक ज्ञान: कुंभ मेले में साधु-संतों और विद्वानों के प्रवचन होते हैं, जिनसे श्रद्धालु धार्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। * खगोलीय महत्व: कुंभ मेले का आयोजन खगोलीय गणनाओं पर आधारित है। यह बृहस्...